राग रागिनी कला फाउंडेशन का हुआ भव्य ‘मंच प्रवेश’
----------------------------------------------------------------------
राग रागिनी कला सांस्कृतिक ट्रस्ट के तहत राग रागिनी कला फाउंडेशन का मंच प्रवेश आज मुंबई स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट मेयर्स हॉल अंधेरी में हुआ। इस दौरान संस्था के 10 छात्राओं के साथ खुद गुरु रागिनी मिश्रा ने मंच परिवेश किया, जहां विशारद और अलंकार को छात्राओं ने जबरदस्त तरीके से प्रदर्शन कर हॉल में मौजूद सभी लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में अखिलेश चतुर्वेदी और सुरेंद्र पाल उपस्थित रहे, जिन्होंने ऐसे कार्यक्रम को बेहद जरूरी बताया।
वहीं, राग रागिनी कला सांस्कृतिक ट्रस्ट और राग रागिनी कला फाउंडेशन के निदेशक मशहूर अभिनेता अवधेश मिश्रा हैं, जिन्होंने मंच प्रवेश दौरान सभी बच्चों को सम्मानित किया। साथ ही मौके पर उन्होंने कहा कि इस फाउंडेशन और ट्रस्ट के अथक प्रयास को वो हमेशा प्रोत्साहित करेंगे और तन-मन-धन से हमेशा एक पिता की तरह इस संस्था को आगे बढ़ाने में लगे रहेंगे। इसके अलावा गुरू व अवधेश मिश्रा की धर्मपत्नी रागिनी मिश्रा ने कहा कि भारत भूमि पर नृत्यों का चलन वर्षों पुराना रहा है। भारत के आठ शास्त्रीय नृत्यों में से सबसे पुराना कथक नृत्य जिसका उत्पत्ति उत्तर भारत में हुआ। कथक एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ 'कहानी से व्युत्पन्न करना' है। यह नृत्य कहानियों को बोलने का साधन है। यह बहुत प्राचीन शैली है क्योंकि महाभारत में भी कथक का वर्णन है। मध्य काल में इसका सम्बन्ध कृष्ण कथा और नृत्य से था।
उन्होने कहा कि क्योंकि भारत विविधताओं का देश है, इसलिए यहां नृत्य की शैलियां भी अलग – अलग और काफी समृद्ध है। इसी में से एक है कत्थक। उन्होंने कहा कि कत्थक नृत्य को स्कूली शिक्षा में भी एक सब्जेक्ट के तौर पर शामिल किया जाना चाहिए। रागिनी मिश्रा ने कहा कि राग रागिनी कला सांस्कृतिक ट्रस्ट और राग रागिनी कला फाउंडेशन की कल्पना भी देश के उन नये बच्चों के लिए की गई है, जिसे नृत्य में रूची है। इसी लक्ष्य के साथ इस संस्था ने इस साल अपने 16 गौरवशाली वर्ष पूरे कर लिये हैं।
बता दें कि राग रागिनी कला फाउंडेशन के मंच प्रवेश में डीआईडी सुपर मॉम फेम अभिनेत्री अनिता रावत, बिट्टू सिंह, रोहित सिंह मटरू, अंशु परिहार, निशा कृष्णमूर्ति, क्लासिकल सिंगर जीवन पंडित, सुरेंद्र पुजारी, के के गोस्वामी, उषा तिमोथी, जॉन तिमोथी, ज्योत्सना रॉबर्ट, सतीश मिश्रा, जीवन पंडित, सीतावरी जोशी, अखिलेश चतुर्वेदी, श्वेता जोशी, रजनी राना और संजय भूषण पटियाला मौजूद रहे।
----------------------------------------------------------------------
राग रागिनी कला सांस्कृतिक ट्रस्ट के तहत राग रागिनी कला फाउंडेशन का मंच प्रवेश आज मुंबई स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट मेयर्स हॉल अंधेरी में हुआ। इस दौरान संस्था के 10 छात्राओं के साथ खुद गुरु रागिनी मिश्रा ने मंच परिवेश किया, जहां विशारद और अलंकार को छात्राओं ने जबरदस्त तरीके से प्रदर्शन कर हॉल में मौजूद सभी लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में अखिलेश चतुर्वेदी और सुरेंद्र पाल उपस्थित रहे, जिन्होंने ऐसे कार्यक्रम को बेहद जरूरी बताया।
वहीं, राग रागिनी कला सांस्कृतिक ट्रस्ट और राग रागिनी कला फाउंडेशन के निदेशक मशहूर अभिनेता अवधेश मिश्रा हैं, जिन्होंने मंच प्रवेश दौरान सभी बच्चों को सम्मानित किया। साथ ही मौके पर उन्होंने कहा कि इस फाउंडेशन और ट्रस्ट के अथक प्रयास को वो हमेशा प्रोत्साहित करेंगे और तन-मन-धन से हमेशा एक पिता की तरह इस संस्था को आगे बढ़ाने में लगे रहेंगे। इसके अलावा गुरू व अवधेश मिश्रा की धर्मपत्नी रागिनी मिश्रा ने कहा कि भारत भूमि पर नृत्यों का चलन वर्षों पुराना रहा है। भारत के आठ शास्त्रीय नृत्यों में से सबसे पुराना कथक नृत्य जिसका उत्पत्ति उत्तर भारत में हुआ। कथक एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ 'कहानी से व्युत्पन्न करना' है। यह नृत्य कहानियों को बोलने का साधन है। यह बहुत प्राचीन शैली है क्योंकि महाभारत में भी कथक का वर्णन है। मध्य काल में इसका सम्बन्ध कृष्ण कथा और नृत्य से था।
उन्होने कहा कि क्योंकि भारत विविधताओं का देश है, इसलिए यहां नृत्य की शैलियां भी अलग – अलग और काफी समृद्ध है। इसी में से एक है कत्थक। उन्होंने कहा कि कत्थक नृत्य को स्कूली शिक्षा में भी एक सब्जेक्ट के तौर पर शामिल किया जाना चाहिए। रागिनी मिश्रा ने कहा कि राग रागिनी कला सांस्कृतिक ट्रस्ट और राग रागिनी कला फाउंडेशन की कल्पना भी देश के उन नये बच्चों के लिए की गई है, जिसे नृत्य में रूची है। इसी लक्ष्य के साथ इस संस्था ने इस साल अपने 16 गौरवशाली वर्ष पूरे कर लिये हैं।
बता दें कि राग रागिनी कला फाउंडेशन के मंच प्रवेश में डीआईडी सुपर मॉम फेम अभिनेत्री अनिता रावत, बिट्टू सिंह, रोहित सिंह मटरू, अंशु परिहार, निशा कृष्णमूर्ति, क्लासिकल सिंगर जीवन पंडित, सुरेंद्र पुजारी, के के गोस्वामी, उषा तिमोथी, जॉन तिमोथी, ज्योत्सना रॉबर्ट, सतीश मिश्रा, जीवन पंडित, सीतावरी जोशी, अखिलेश चतुर्वेदी, श्वेता जोशी, रजनी राना और संजय भूषण पटियाला मौजूद रहे।
No comments:
Post a Comment