Friday, August 8, 2025
"फैशन कपड़ों का नाम नहीं, मौजूदगी का नाम है" — कहते हैं एक्टर वैभव राज गुप्ता, जो अपने पहले फैशन आइकॉन के रूप में अपने दादाजी को मानते हैं।*
*"फैशन कपड़ों का नाम नहीं, मौजूदगी का नाम है" — कहते हैं एक्टर वैभव राज गुप्ता, जो अपने पहले फैशन आइकॉन के रूप में अपने दादाजी को मानते हैं।*
‘गुल्लक’ में सीधे-सच्चे बड़े भाई का किरदार निभाकर दिल जीतने से लेकर ‘मंडला मर्डर्स’ में सस्पेंस से भरे, सख़्त पुलिसवाले विक्रम के रूप में दमदार परफॉर्मेंस देने तक — वैभव राज गुप्ता साबित कर रहे हैं कि वो सिर्फ टिकने नहीं, बल्कि हर रोल के साथ निखरने आए हैं।
स्क्रीन पर उनकी मौजूदगी और एक्टिंग की तारीफें हो रही हैं, और स्क्रीन के बाहर वैभव चुपचाप एक स्टाइल आइकॉन के तौर पर अपनी पहचान बना रहे हैं।
हाल ही में उन्होंने अपने पर्सनल लाइफ का एक प्यारा सा किस्सा शेयर किया — कि फैशन हमेशा से उनके लिए मायने रखता है।
**"मेरे दादाजी मेरी पहली फैशन इंस्पिरेशन थे,"** वैभव बताते हैं।
"वो एक आर्टिस्ट थे। उनका पहनावा, उनका अंदाज़ — सब कुछ एकदम शाही! जवानी में वो दिलीप कुमार जैसे दिखते थे और उम्र बढ़ने के बाद अल पचीनो की याद दिलाते थे। उन्हें देखकर मैंने सीखा कि फैशन कपड़ों से ज़्यादा, मौजूदगी का खेल है।"
वैभव के लिए स्टाइल का मतलब ट्रेंड फॉलो करना नहीं, बल्कि एनर्जी, एक्सप्रेशन और इमोशन है। बचपन में वो अक्सर दादाजी के पॉलिश्ड और सिंपल लुक्स की नकल किया करते थे। यही असर आज भी उनके अंदाज़ में झलकता है, बस अब उसमें फिल्मों और खेल की कई दिग्गज हस्तियों का तड़का लग गया है।
उनके स्टाइल गुरु लिस्ट में शामिल हैं — रणबीर कपूर (कूल-कैज़ुअल चार्म), विक्की कौशल (शार्प मिनिमलिज़्म) और शाहरुख खान (टाइमलेस ग्रेस)।
हॉलीवुड से उन्हें इंस्पिरेशन मिलती है जेक गिलेनहाल, ब्रैड पिट और बेनिसियो डेल टोरो की लेड-बैक स्टाइल से।
और एक हटके एडिशन — लियोनेल मेसी!
**"जिस तरह वो अपनी जर्सी, स्नीकर्स और टैटू कैरी करते हैं — उसमें पर्सनैलिटी और साइलेंट कॉन्फिडेंस दोनों झलकते हैं,"** वो कहते हैं।
**"फैशन का मतलब सिर्फ अच्छे कपड़े पहनना नहीं, बल्कि उनमें खुद को अच्छा महसूस करना है। कॉन्फिडेंस, कम्फर्ट और ऑथेंटिसिटी — यही किसी लुक को यादगार बनाते हैं,"** वैभव जोड़ते हैं।
चाहे किरदारों की गहराई हो या ऑफ-स्क्रीन उनका सिंपल पर असरदार अंदाज़ — वैभव राज गुप्ता अपनी पहचान खुद गढ़ रहे हैं, जो सादगी, सच्चाई और दमदार स्टाइल में रची-बसी है।
‘मंडला मर्डर्स’ में वो फिर दर्शकों को चौंकाने वाले हैं — और मान लो, वैभव सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि एक मौजूदगी हैं जिसे भूलना मुश्किल है।
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